9 जून 2023 का अपडेट: Brave अब डिफ़ॉल्ट तौर पर कुकीज़ वाले बैनर को ब्लॉक करता है. यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि यूज़र को भ्रम और परेशानी से बचाया जा सके और खास तौर पर Brave यह सुनिश्चित करता है कि यूज़र को डिफ़ॉल्ट तौर पर बेहतरीन सुरक्षा दी जा सके. डेस्कटॉप पर brave://settings/shields/filters पर जाकर “EasyList Cookie” से निशान हटाकर या Android और iOS के सेटिंग्स पैनल में जाकर कुकीज़ की इजाज़त माँगने वाले बैनर को ब्लॉक करने की सुविधा बंद की जा सकती है.
Brave में प्राइवेसी से जुड़ी नई और आने वाली सुविधाओं के बारे में बताने वाली मौजूदा, नियमित सीरीज़ की यह इक्कीसवीं पोस्ट है. इस पोस्ट में बताया गया है कि किन लोगों ने इसमें अपना योगदान दिया है (नाम के अनुसार क्रम में): फ़िल्टर लिस्ट इंजीनियर रायन ब्राउन, प्रिंसिपल इंजीनियर ब्रायन जॉनसन, Android इंजीनियरिंग मैनेजर दीप पंड्या, सीनियर प्रोडक्ट डिज़ाइनर ऑगस्टीन रुइज़ और iOS प्राइवेसी इंजीनियर जेकब सिकोर्स्की. इस पोस्ट को प्राइवेसी के सीनियर डायरेक्टर पीटर स्नाइडर ने लिखा है.
Brave Nightly के साथ शुरुआत करते हुए और वर्ज़न 1.45 में, जो कि अक्टूबर में रिलीज़ होगा, Brave ब्राउज़र Android और डेस्कटॉप (और जल्द ही iOS में भी) पर कुकीज़ की इजाज़त माँगने वाले नोटिफ़िकेशन को ब्लॉक कर देगा. ये नोटिफ़िकेशन वेब पर बदनाम हैं और लगभग लगातार परेशान करने वाले होते हैं. ये वेब की एक खास सुविधा: कई साइट और पब्लिशर के कंटेंट को आराम और आसानी से ब्राउज़ करने की क्षमता को खत्म और बाधित करते हैं. और विडंबना यह है कि कुकीज़ को इजाज़त देने वाले कई सिस्टम दरअसल यूज़र को ट्रैक करते हैं, ऐसे कंसेंट सिस्टम से जिस सुरक्षा की उम्मीद की जाती है, उससे ठीक उलट ये वही नुकसान पहुँचाते हैं.
Brave के नए वर्ज़न कुकीज़ की इजाज़त माँगने वाले नोटिफ़िकेशन को छिपाएँगे—और जहाँ संभव हो, पूरी तरह ब्लॉक करेंगे. अन्य ब्राउज़र में इस्तेमाल होने वाले ऐसे सिस्टम के मुकाबले Brave का तरीका सबसे अलग है और यहाँ प्राइवेसी का ज़्यादा ख्याल रखा जाता है (जैसे कि अन्य ब्राउज़र मे इस्तेमाल होने वाले “ऑटो-कंसेंट” सिस्टम) और वेब पर ‘यूज़र सबसे पहले’ को बनाए रखने में मदद करता है.
Brave में कुकी बैनर को ब्लॉक करने की सुविधा शुरू करना और मैनेज करना
शुरू करते ही, Brave ब्राउज़र आपसे पूछेगा कि आप कुकीज़ वाले बैनर को ब्लॉक करना चाहते हैं या नहीं. अगर आप यह सुविधा अपनाना चाहते हैं, तो Brave कुछ नियमों को डाउनलोड करेगा, जिन्हें कुकीज़ की इजाज़त माँगने वाले नोटिफ़िकेशन को छिपाने और ब्लॉक करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. अधिकतर डिवाइस पर जैसे ही आप यह सुविधा चालू करते हैं, ब्राउज़र जितनी जल्दी हो सके उन नियमों के मुताबिक काम करना शुरू कर देगा.
अगर आप गलती से यह चुनते हैं कि कुकी बैनर को ब्लॉक नहीं करना है (या आपने पहले इसे चालू किया था, लेकिन अब यह हटाना चाहते हैं), तो आप यह सेटिंग कभी भी बदल सकते हैं. इसके लिए Brave ब्राउज़र में brave://settings/shields/filters पर जाएँ और EasyList-Cookie List विकल्प को चालू / बंद करें.
ध्यान दें: अगर आपको कुकीज़ डायलॉग को ब्लॉक करने का नोटिफ़िकेशन नहीं मिलता है, तो आपको अपना ब्राउज़र रीस्टार्ट करना होगा और अपने Brave ब्राउज़र का वर्ज़न अपडेट करके 1.45 करना होगा.
अन्य सिस्टम से तुलना
ब्राउज़र और एक्सटेंशन कई तरीकों से कुकी बैनर को ब्लॉक करने की कोशिश करते हैं. Brave जिस तरह से यह करता है, उससे यूज़र के लिए प्राइवेसी की सुविधा खूब बढ़ जाती है और साथ ही खूब सारे बैनर और परेशानियाँ भी ब्लॉक हो पाती हैं.
मोटे तौर पर, कुकी बैनर को ब्लॉक करने के दो सामान्य तरीके हैं.
एक तरीका यह है (जो Brave करता है) कि कुकी बैनर को ब्लॉक किया जाए, और सिस्टम में शामिल किसी भी अतिरिक्त परेशानी (जैसे कि ओवरले, स्क्रोल न कर पाना) को दूर करने के लिए पेज को छिपाया या उसमें बदलाव किया जाए. इस तरीके को अपनाने के लिए अन्य वेब प्राइवेसी टूल (जैसे कि uBlock Origin) को भी कनफ़िगर किया जा सकता है. इस तरीके से सबसे अच्छी प्राइवेसी की गारंटी मिलती है. इसमें यह भरोसा करने की ज़रूरत नहीं होती कि कुकीज़ कंसेंट सिस्टम आपकी पसंद का सम्मान करेंगे और आपके ब्राउज़र के साथ कंसेंट ट्रैकिंग सिस्टम के कम्युनिकेशन को पूरी तरह से बंद रखेंगे.
दूसरी तरीका या है कि कुकी बैनर पर भरोसा किया जाए और उन्हें काम करने दिया जाए इन सिस्टम को ब्लॉक करने की जगह (जो कि Brave करता है) दूसरे तरीके में कुकी बैनर सिस्टम में ‘नहीं’ पर क्लिक करने के काम को ऑटोमेट कर दिया जाता है. इस उपाय से भले ही भेजे जाने वाले कुकीज़ की संख्या और इन बैनर से होने वाली परेशानी कम हो जाती है, लेकिन यह कुकी बैनर प्रोवाइडर से जुड़ी आपकी पसंद को रिकॉर्ड करता है. इससे ऐसी स्थिति बन जाती है कि ब्राउज़र या एक्सटेंशन की ओर से बार-बार कुकी बैनर प्रोवाइडर को यह कहा जाता है कि आपको अकेला छोड़ दिया जाए. सबसे बुरा तो यह है कि रिसर्च करने वालों ने पता लगाया है कि जब यूज़र सभी तरह की कुकीज़ को रिजेक्ट कर देते हैं, तो भी कई कुकीज़ और कंसेंट सिस्टम लोगों को ट्रैक करते हैं.
Google के प्रस्तावों से कुकी बैनर को ब्लॉक करना और मुश्किल हो जाएगा
कुकी बैनर को ब्लॉक करने के Brave के तरीके से उसे ट्रैकर और उन कंपनियों से एक कदम आगे रहना पड़ता है, जो (दुर्भाग्यवश इसका यही नाम है) “कंसेंट मैनेजमेंट सिस्टम1” को चलाते हैं. Brave कई तरीकों से ट्रैकर से आगे रहता है, जैसे EasyList जैसे क्राउडसोर्स किए गए फ़िल्टर को सपोर्ट करके और रिसर्च के ज़रिए ताकि प्राइवेसी कार्यकर्ताओं की ट्रैकर से एक कदम आगे रहने में मदद की जा सके.
बदकिस्मती से, Google वेब में कुछ ऐसे बदलाव लाने पर ज़ोर दे रहा है, जिससे कुकी बैनर को ब्लॉक करना और मुश्किल हो जाएगा और सामान्य तौर पर कहें तो, वेब से अनचाहे कंटेंट को फ़िल्टर के ज़रिए बाहर करना मुश्किल हो जाएगा. (जैसे कि दखल देने वाली तस्वीरें, वीडियो, विज्ञापन और ट्रैकिंग स्क्रिप्ट). Google के WebBundles प्रस्ताव से साइटों के लिए कंटेंट ब्लॉकर से बचना आसान हो जाएगा. उसके Manifest v3 में होने वाले बदलावों से प्राइवेसी की सुरक्षा करने वाले ब्राउज़र और एक्सटेंशन की एक महत्त्वपूर्ण क्षमता खत्म हो जाएगी. Google के Privacy Sandbox प्रस्ताव के कई पहलु ऐसे हैं, जिससे वेब को इस्तेमाल करने के तरीकों पर यूज़र का कंट्रोल कम हो जाएगा और साइटों का कंट्रोल बढ़ जाएगा.
विडंबना यह है कि कुकी बैनर (जिसे दुनिया भर में परेशान करने वाला माना गया है) दोनों दिखाते हैं i) वेब एक अद्वितीय लोकतांत्रिक प्लेटफ़ॉर्म है, जहाँ यूज़र को सबसे पहले रखा जाता है और ii) जिस तरफ़ Google वेब को ले जा रहा है, उससे क्या नुकसान होगा.
वेब को मुक्त रहने के लिए बनाया गया है. एक तरह से यह कमाल की बात है: जिसका मतलब यह है कि Brave की तरह प्राइवेसी की सुरक्षा करने वाले टूल यूज़र की तरफ़ से काम कर सकते हैं. और वेब पर उन्हें दुर्व्यवहार और परेशानियों से बचा सकते हैं. वहीं दूसरी ओर, कुकी बैनर से यह पता चलता है कि अगर Google (और अन्य) इस तरह की परेशानियों को ब्लॉक करने की यूज़र की क्षमता को कमज़ोर करते हैं, तो इससे वेब की स्थिति बहुत खराब हो जाएगी.
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कभी-कभार इसे “प्रेफ़्रेंस मैनेजमेंट सिस्टम्स” कहा जाता है. ↩︎